भोपाल। मध्य प्रदेश में करीब एक सप्ताह से चल रहे राजनैतिक उथल-पुथल अब नतीजे के करीब पहुंच गया है।कमलनाथ सरकार को 16 मार्च को अपना बहुमत सिद्ध करना है। राज्यपाल द्वारा अल्टीमेंटम देने के बाद राजनैतिक गलियारे में सरगर्मिया बढ गई हैं। कांग्रेस के सभी 88 व 4 निर्दलीय विधायक जयपुर से भोपाल पहुंच गए हैं। अब देखना ये ही कि क्या सोमवार की सुबह कमलनाथ अपना अस्तित्व बचानेमें कामयाभो पाते हैं या नहीं।
बता दें कि पहले ही राज्यपाल ने कमलनाथ को तगड़ा झटका देते हुए कमलनाथ को पत्र भेजा था जिसमें राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 174 व 175(2)एवं अन्य संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए कमलनाथ सरकार को 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट करवाने का आदेश दिया है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत प्रदेश भाजपा नेताओं के एक दल द्वारा राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने के सात घंटे बाद राज्यपाल ने कमलनाथ सरकार को सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने का निर्देश पहले ही दे दिया है।
उधर ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल हो जाने के साथ ही सिंधिया के समर्थकों के 6 मंत्रियो के बाद बाकी 16 विधायकों का इस्तीफा मंजूर हो जाता है या वे सभी सदन में उपस्थित नहीं हुए तो कांग्रेस सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाएगी। इस प्रकार देखा जाये तो दोनों ही सूरत में कमलनाथ सरकार का गिरना लगभग तय माना जा रहा है। सोमवार का दिन राजनैतिक सरगर्मियों को जहां बढ़ाने वाला होगा तो वहीं एमपी के लोगों को एक बार फिर शायद शिवराज सिंह का साथ मिलेगा ये देखना दिलचस्प होगा।
