ब्यूरो डेस्क। ‘अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता अस बर दीन जानकी माता’ वनराज केसरी और माता अंजनी देव के पुत्र भगवान हनुमान का जन्मोत्सव वर्ष में दो बार मनाने की पौराणिक मान्यता है। प्रथम चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि तथा द्वितीय कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता है। हनुमान जयंती के पर्व पर इनकी भक्ति भाव श्रद्धा व आस्था के साथ पूजा अर्चना करने का विधान है। प्रख्यात ज्योतिषविद विमल जैन ने बताया कि इस बार चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि मंगलवार 7 अप्रैल को दिन में 12:02 पर लगेगी जो कि बुधवार 8 अप्रैल को प्रातः 8:05 तक रहेगी। व्रत की पूर्णिमा मंगलवार 7 अप्रैल को तथा स्नान दान की पूर्णिमा बुधवार 8 अप्रैल को होगा, जिसके फलस्वरूप श्री हनुमत जन्म महोत्सव का पर्व बुधवार 8 अप्रैल को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।
हनुमान जयंती के दिन संध्या के समय दक्षिणमुखी हनुमान प्रतिमा के सामने शुद्ध होकर हनुमान जी के चमत्कारिक मंत्रों का जाप किया जाए तो यह अति शुभ फलदायी होता है। हनुमान जी की पूजा में हनुमत कवच मंत्र का जाप अवश्य करें। हनुमत कवच मंत्र का जाप तुरंत फलदायी होता है। इससे उनका आशीर्वाद मिलता है।हर राशि के लिए एक विशेष मंत्र है यदि आप अपनी राशि अनुसार इन मंत्रों का जाप करते हैं तो आपको इसका विशेष लाभ मिलेगा।
राशि के अनुसार हनुमान जी के मंत्र
मेष: ओम सर्वदुख हराय नम:
वृषभ: ओम कपि सेनानायक नम:
मिथुन: ओम मनोजवाय नम:
कर्क: ओम लक्ष्मणप्राणदात्रे नम:
सिंह: ओम परशौर्य विनाशन नम:
कन्या: ओम पंचवक्त्र नम:
तुला: ओम सर्वग्रह विनाशी नम:
वृश्चिक: ओम सर्वबंधनविमोक्त्रे नम:
धनु: ओम चिरंजीविते नम:
मकर: ओम सुरार्चिते नम:
कुंभ: ओम वज्रकाय नम:
मीन: ओम कामरूपिणे नम:
अगर आपके जीवन में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव है और पैसे की तंगी का सामना कर रहे हैं तो नीचे दिए उपायों में से आप किसी भी उपाय को कर सकते हैं। हनुमान जी ने चाहा तो आपके सभी संकटों का निवारण हो जायेगा।
पैसों की तंगी से जूझ रहे हैं तो हनुमान जयंती के दिन पीपल के 11 पत्तों पर श्री राम का नाम लिखें। फिर उन्हें बजरंगबली के चरणों में चढ़ा दें।
हनुमान जी को विशेष पान का बीड़ा चढ़ाएं। इसमें सभी मुलायम चीजें डलवाएं, जैसे खोपरा बूरा, गुलकंद, बादाम कतरी आदि।
कच्ची घानी के तेल के दीपक में लौंग डाल कर हनुमान जी की आरती करें। संकट दूर होगा।
अगर धन-लाभ की स्थितियां बनने के बावजूद लाभ नहीं मिल रहा हो, तो हनुमान जयंती के दिन गोपी चंदन की नौ डलियां लेकर केले के वृक्ष पर टांग देनी चाहिएं। स्मरण रहे यह चंदन पीले धागे से ही बांधना है।
एक नारियल पर कामिया सिन्दूर, मौली, अक्षत चढ़ा कर पूजन करें। फिर हनुमान जी के मन्दिर में चढ़ा आएं।
पीपल के वृक्ष की जड़ में तेल का दीपक जला दें। फिर वापस घर आ जाएं एवं पीछे मुड़कर न देखें।
