वाराणसी। कोरोना वायरस के कारण देश में लॉक डाउन किया गया है। इसकी वजह से इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी सेवाएं प्रतिबंधित कर दी गई हैं। वहीं लॉक डाउन होने के कारण उत्तर प्रदेश में शराब, तंबाकू की दुकानें भी बंद चल रही है। आए दिन सरकार और प्रशासन की तरफ से ऐसे व्यक्तियों के ऊपर कड़ी कार्यवाही की जा रही है जो तंबाकू, गुटका जैसे मादक पदार्थों को बेचते हुए पाया जा रहा है। ऐसे में बनारस की युवती ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर धन्यवाद ज्ञापन किया है और यह मांग की है की नशे के कारोबार को सिर्फ लॉक डाउन तक ही नहीं बल्कि हमेशा के लिए प्रदेश में बंद कर दिया जाए।
कैंट थाना क्षेत्र के हुकूलगंज की रहने वाली प्रियंका गौड़ ने सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि, जिस तरह लॉक डाउन में गुटका, तंबाकू और शराब को बंद किया गया है यह एक अच्छी पहल है। जो लोग इस बात की दुहाई देते थे कि उनके नशे की लत नहीं छूट रही है, वह भी अब इन चीजों का सेवन नहीं कर पा रहे हैं। जिससे पैसों के साथ साथ शहर की गलियां भी साफ नजर आ रही हैं। लोग पान और गुटखा खाकर पहले थूक दिया करते थे जिससे शहर की सड़कें गंदी हो जाती थी। इसको लेकर प्रियंका ने खुशी जताई है कि अब नशे की चीज दुकानों पर नहीं मिल पाने के कारण लोग यहां वहां पान खाकर नहीं ठूम रहे हैं। जिसकी वजह से सड़क साफ-सुथरी नजर आ रही है। उन्होंने सीएम योगी से यह मांग की है की प्रदेश में लॉक डाउन के बाद भी नशे के कारोबार पर अंकुश बरकरार रहे ताकि लोगों के पैसे भी बचे और समाज में गंदगी भी ना फैले। इस पहल में प्रियंका के परिवार के लोगों ने भी उनका साथ दिया है।

प्रियंका ने बताया कि उनके इस पहल के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि इस वक्त टेलीविजन अखबार में कहीं भी क्राइम की खबर सामने नहीं आ रही है। जिसकी एक बड़ी वजह यह है कि देश में नशे के कारोबार पर रोक लगा दिया गया है। इससे यह साबित होता है कि लोग अपराध को अंजाम देने के लिए नशे का सेवन करते थे और अब नशे के कारोबार पर रोक लगने के बाद अपराध पर भी अंकुश लग गया है। इसके साथ ही सड़कों पर पहले की तरह पान और गुटखा का पीक नही मिल रहा है। जिससे सड़कें भी साफ और सुंदर नजर आ रही हैं। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखते हुए यह मांग की है कि प्रदेश में लॉक डाउन के बाद भी नशे के कारोबार पर पूर्णतया रोक लगा दी जाए। प्रियंका के इस पहल को परिवार के साथ साथ मुहल्ले के अन्य लोगों ने भी सराहा है।
