वाराणसी। कोरोना के इस काल में मां से कोरोना योद्धा बनी महिलाओं को काशी के समाज सेवी ने केक देकर उनकी प्रशंसा की और मातृ दिवस पर उन्हें विशेष महसूस करवाया। एक तरफ वह मां जो अपने बच्चों को घरों में छोड़कर लोगों की सेवा में अस्पतालों और सड़कों पर धूल-धूप के बीच निरंतर सेवा दे रही है, ऐसी मांओं को नेशनल विजन भी सलाम करता है साथ ही वह समाजसेवी जो उन मांओं की खुशी में चार चांद लगा रहे हैं उनके इस सराहनीय कदम को भी सलाम करता।
ऐसी मां जो सड़कों पर और अस्पताल में अपना कर्तव्य निभा रही हैं, जिसमें पुलिस, सफाईकर्मी को साथ साथ स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं उनको स्पेशल फील करवाने वाले शरद ने बताया कि आज मातृ दिवस है, एक ऐसा दिन जिस दिन हमें संसार की समस्त माताओं का सम्मान और सलाम करना चाहिये। वैसे माँ किसी के सम्मान की मोहताज नहीं होती, माँ शब्द ही सम्मान के बराबर होता है, मातृ दिवस मनाने का उद्देश्य पुत्र के उत्थान में उनकी महान भूमिका को सलाम करना है। इसलिए उन्होंने सड़को पर लोगों की सेवा में लगी मांओं को एक छोटी सी खुशी देने की कोशिश की है। शरद ने उन मांओं को सलाम किया है जो कोरोना के इस संकट में अपनी जान की परवाह न करते हुए दुसरों की सेवा में लगी हैं।
श्रीमद भागवत गीता में कहा गया है कि माँ की सेवा से मिला आशीर्वाद सात जन्म के पापों को नष्ट करता है। यहीं माँ शब्द की महिमा है। असल में कहा जाए तो माँ ही बच्चे की पहली गुरु होती है एक माँ आधे संस्कार तो बच्चे को अपने गर्भ में ही दे देती है यही माँ शब्द की शक्ति को दशार्ता है, वह माँ ही होती है पीडा सहकर अपने शिशु को जन्म देती है। और जन्म देने के बाद भी मॉं के चेहरे पर एक सन्तोषजनक मुस्कान होती है इसलिए माँ को सनातन धर्म में भगवान से भी ऊँचा दर्जा दिया गया है।
