मऊ। यूपी में भू माफियाओं के कारनामों पर नकेल कसने की तमाम कवायदों के बावजूद सरकारी जमीन के गोलमाल की खबरें आ रही हैं। ताजा मामला यूपी के जनपद मऊ का है जहां नगर क्षेत्र के गाजीपुर तिराहे के पास स्थित आईटीआई कालेज की जमीन को अधिग्रहण करने के मामले में हुए अरबों रुपये के सरकारी जमीन की हेराफेरी का राज जांच में खुल कर सामने आया है। मामले में जांच की रिपोर्ट एसडीएम सदर और तहसीलदार के द्वारा जिलाधिकारी को पेश की गयी। जिसके बाद जिलाधिकारी ने हेरा फेरी में शामिल दो कर्मचारियों के साथ ही 25 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर सभी को भूमाफिया की सूची में शामिल करने का आदेश दिया है। जांच रिपोर्ट के अनुसार सरकारी अभिलेखों में हेराफेरी कर आरोपियों ने सरकारी जमीन को अपने नाम करा लिया। बाद में उसे सरकार को देकर मुआवजा लिया, मुआवजा लेने के बाद जमीन को फिर अपने नाम करा लिया। इसके साथ ही उस भूमि पर अपना निर्माण भी करा लिया।
बता दें कि शहर के गाजीपुर तिराहे पर औद्योगिक संस्थान और बुनाई विद्यालय आईटीआई कालेज जिस जमीन पर उपस्थित है, वह भूमि 1382 उसली के अभिलेखों में सरकारी बंजर भूमि के नाम पर दर्ज थी। सेवा निवृत्त लेखपाल मोहम्मद शमी अहमन की मिली भगत से कुछ लोगों ने उसे अपने नाम से दर्ज करा लिया। इसके बाद यह जमीन जब अधिग्रहित की गई तो जिन लोगों का नाम उसमें दर्ज था, उन लोगों ने मुआवजा ले लिया। इसके बाद फिर सरकारी अभिलेखों में हेराफेरी कर अपना नाम दर्ज करा लिया और लेखपाल खेदारुराम से पैमाइश करा कर उसे सड़क किनारे लाकर उसपर अपना निर्माण कार्य करा लिया।
2007 में यह मामला प्रकाश में आया लेकिन इस मामले को दबा दिया गया था, लेकिन इस बार एसडीएम अतुल वत्स ने पूरे हेराफेरी के खेल को उजागर करके रख दिया है और अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी के सामने पेश की है। इस मामले पर जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि जब यह जनपद आजमगढ़ जिले में शामिल था, उस समय 1957 में राज्स्व अभिलेखों में यह भूमि बुनाई विद्यालय के नाम से दर्ज था। 1964 में इस भूमि पर विद्यालय का निर्माण हुआ जिसके बाद 1982 के बाद हेराफेरी का खेल शुरू हुआ। विद्यालय की अन्य जमीन को सरकारी बंजर दिखाकर हेराफेरी किया गया और निर्माण कराया गया। इसलिए सेवानिवृत्त लेखपाल मोहम्मद शमी के साथ वर्तमान समय में मधुबन तहसील में तैनात खेदारु राम यादव सहित 25 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराने और सभी का नाम भू माफिया की सूची में दर्ज कराने का आदेश दिया है। इसके अलावा भूमि को कब्जा मुक्त कराने की कार्रवाई करने के भी आदेश दिये हैं।
