गाजीपुर। आगामी एक सितम्बर से आर्मी कैंटीन बंद करने के आदेश के बाद से जिले में पूर्व सैनिक एवं वर्तमान सैनिकों के परिजनों में सरकार के खिलाफ काफी रोष देखने को मिल रहा है। उनका कहना है कि सरकार सैनिकों की बात करती है, लेकिन काम सैनिकों के हकों को छीनने का कर रही है।
सैनिकों व पूर्व सैनिकों की अगर मानें, तो कोई यह बताने को तैयार नहीं कि कैंटीन बंद क्यों हो रहा है। उनका कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो सैनिकों के परिवार वाले एवं पूर्व बुजुर्ग सैनिक गाजीपुर से लगभग 90 किलोमीटर दूर वाराणसी कैंटीन जाने में असमर्थ होंगे, जिससे सरकार द्वारा मिलने वाली कैंटीन सुविधा से वंचित रह जाएंगे।
वहीं रिटायर्ड सैनिक राम सिंह ने बताया कि तमाम संबंधित अधिकारियों को एवं रक्षा मंत्रालय को पत्रक देकर सरकार से यह मांग किया गया है कि कैंटीन को बंद न किया जाए। क्योंकि गाजीपुर शहीदों की धरती कही जाती है एवं जिले को वीरता के विभिन्न मेडल प्राप्त हैं। इसमें परमवीर चक्र, महावीर चक्र एवं वीर चक्र सम्मिलित हैं, लेकिन अगर सरकार इसके बाद भी नहीं मानती है तो हम आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
