वाराणसी। धर्म एवं अध्यात्म की नगरी काशी में दुर्गा पूजा को लेकर शहर में पंडाल सज गए हैं। शारदीय नवरात्र के सप्तमी के दिन इन पंडालों में मां दुर्गा की प्रतीमा स्थापित की जाएगी। वहीं गंगा नदी में विसर्जन को लेकर रोक लग गई है, जिसको देखते हुए मूर्तिकार इको फ्रेंडली मूर्तियां बना रहे है। वहीं एक मूर्तिकार ने रेत से मां की प्रतिमा को तैयार किया है।
मूर्तिकार शीतल चौरसिया ने बताया कि गंगा नदी में मूर्ति विसर्जन पर रोक लग जाने के बाद से हम लोग इको फ्रेंडली मूर्ति बना रहे है। साथ ही मां की प्रतिमा में कंकड़ के जरिए साज-सज्जा की जा रही है। उन्होंने बताया कि मां की प्रतिमा के साथ भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, भगवान कार्तिक और महिषासुर के साथ तमाम मूर्तियों को रेत से बनाया गया है।
शीतल ने बताया कि मूर्तियों का विसर्जन अब कुंड में होता है, जिसको लेकर आयोजक भी इको फ्रेंडली मूर्तियों की मांग करते हैं। उन्होंने बताया कि रेत से एक मूर्ति बनाने में कम से कम तीन महीने का समय लगता है। इन मूर्तियों की खास बात ये होती है की ये आसानी से पानी में घुल जाती है। ऐसे में प्रकृति को भी कोई नुकसान नहीं होता है।
