वाराणसी। गंगा का जलस्तर तेज़ी से बढ़ने लगा है। बुधवार को गंगा खतरे के निशान 71. 26 को पार कर चार सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। गंगा में ये उफान पहाड़ी क्षेत्रों और मध्यप्रदेश के बांध से छोड़े जाने वाले पानी की वजह से आया है। इस समय काशी के सभी तटवर्ती क्षेत्र बाढ़ में डूब गए हैं। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से लोग अब पलायन को मजबूर हो गए हैं। एनडीआरएफ की टीम लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए लग गयी है।
दरअसल गंगा का उफान बीते दिनों कम हो गया था, लेकिन उत्तराखंड और मध्यप्रदेश में बांध का पानी छोड़े जाने के बाद से ही गंगा का जलस्तर तेज़ी से बढ़ने लगा और वाराणसी में गंगा खतरे के निशान 71 .26 से ऊपर चली गयी है, जिसके कारण शहर के निचले हिस्से गंगा की चपेट में आ गए हैं। यही कारण है कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में रहने वाले लोग अब सुरक्षित स्थानों की तरफ पलायन करने लगे हैं। वहीं जिन लोगों की बहुमंजिला इमारत है वो अब घर के निचले हिस्से को छोड़कर ऊपरी हिस्से में आ गए हैं।
वाराणसी में गंगा और वरुणा दोनों नदी उफान पर है, जिसको देखते हुए डीएम सुरेंद्र सिंह ने लोगों को पलायन करने के लिए आदेश दे दिया है। 1978 के बाद इस साल गंगा ने अपने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। वहीं एनडीआरएफ की टीम लोगों को उनके घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पंहुचा रही है।
बात दें कि एक सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा के जलस्तर में बढ़ाव हो रहा है। केंद्रीय जल आयोग की माने तो अभी ये बढ़ाव जारी रहेगा। गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति भी रोक दी गयी है। इससे लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । लोगों की अगर माने तो वो अब मां गंगा से विनती करने लगे हैं कि अब तो बस करो गंगा मईया।
