वाराणसी। जब नदियों की स्वच्छता का संदेश लेकर लोगों को जागरूक करने चला था तो नहीं पता था कि सफर इतना लंबा हो जाएगा कि पूरा देश साइकिल से ही भ्रमण कर लूंगा। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र पहुंचा तो देखा कि गंगा की हालत अभी भी काफी दयनीय है। यह कहना है वाराणसी पहुंचे रामप्रसाद नस्कर का।
कौन हैं रामप्रसाद नस्कर
पश्चिम बंगाल के रहने वाले रामप्रसाद नस्कर 2002 में देश भर में बहने वाली नदियों की स्वच्छता के संदेश को लेकर साइकिल से अपनी यात्रा शुरू किए। पश्चिम बंगाल से शुरू हुई यह यात्रा आज भी अनवरत जारी है। “नेशनल विजन” से खास बातचीत में रामप्रसाद ने बताया कि वह पूरे देश भर में जागरूकता का यही संदेश लेकर लोगों के बीच जा रहे है कि नदियों के स्वच्छता में आमजन अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। कोई भी व्यक्ति नदियों में गंदगी और प्लास्टिक आदि सामानों को न फेंके, क्योंकि अगर नदिया संरक्षित होंगी तो ही हमारा भविष्य भी सुरक्षित रहेगा।
यात्रा की शुरुआत
रामप्रसाद ने बताया कि उनकी ये यात्रा गंगा सागर के कपिलमुनि मंदिर शुरु हुई है,जो कि उड़ीसा, बिहार, बनारस, मथुरा, वृन्दावन,दिल्ली,हरियाणा से होते हुए देहरादून से गंगोत्री पर जाकर खत्म होगी। इसके बाद ये वापस अपने घर लौट जायेंगे। बनारस की गंगा को लेकर जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यहां की गंगा अभी भी प्रदूषित हैं, लोगों में अभी भी जागरूकता फ़ैलाने की जरुरत है।
परिवार का भी मिल रहा सहयोग
रामप्रसाद बताते है कि उनके घर में माता पिता और पत्नी हैं। वह अपनी पत्नी को छोड़ कई सालों से अपने इसी मिशन पर हैं। पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि उनके परिवार के सभी सदस्य उनके इस सोच पर गर्व करते हैं और उनका उन्हें पूरा सहयोग मिलता है।
प्रतिदिन चलते हैं 100 किमी
रामप्रसाद बताते हैं कि वह प्रतिदिन साइकिल से 100 किलोमीटर की यात्रा तय करते हैं और जब थक जाते हैं,तो कहीं किसी से सहारा मांग रात गुजार लेते हैं।लोग भी जब उनके इस मिशन के बारे में जानते हैं तो अपना सहयोग देते हैं।
बांग्लादेश भी जा चुके हैं रामप्रसाद
रामप्रसाद बताते हैं कि वह अपने इस लक्ष्य को लेकर लोगों को जागरूक करते हुए बांग्लादेश तक साइकिल से ही जा चुके हैं। इतना ही नहीं वह हर राज्य में अपने संदेश को पहुंचा चुके हैं।इसके बाद उनकी इच्छा है कि वह अन्य देशों में भी भ्रमण करें और लोगों को नदियों की स्वच्छता का ध्यान देने और प्लास्टिक का प्रयोग न करने के लिए जागरूक कर सकें।
