वाराणसी। देश में लगातार बढ़ रहे कोरोनावायरस के संक्रमित मरीजों को देखते हुए लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। वहीं उत्तर प्रदेश में कोरोना प्रभावित क्षेत्रों को हॉटस्पॉट जोन में तब्दील कर दिया गया है और वहां इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर किसी के भी आने की मनाही है। बनारस में चार हॉटस्पॉट जोन बनाए गए हैं जिसमें मदनपुरा, बजरडीहा, गंगापुर और लोहता शामिल है। इसके अलावा इन इलाकों में बफर जोन भी तैयार किया गया है। हॉटस्पॉट और बफर जोन में सैनिटाइजिंग का काम करवाने के लिए जिला प्रशासन ने गरुड़ ड्रोन की व्यवस्था की है, जिससे इन इलाकों में बिना किसी इंसान के गए ही सैनिटाइजिंग का काम हो सकेगा।
वाराणसी नगर निगम ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए चेन्नई की कंपनी से गरुड़ ड्रोन का डिमांड किया था, जिसके बाद सप्लाई भी वाराणसी हो चुकी है। दरअसल जो कोरोना प्रभावित क्षेत्र हैं, वहां सैनिटाइजेशन का काम करवाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसका नाम गरुड़ ड्रोन रखा गया है। वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि गरुण ड्रोन इन सभी इलाकों में सैनिटाइजेशन का काम करेगा, जिन इलाकों में लोगों के आने-जाने पर मनाही है, क्योंकि वहां संक्रमण का खतरा अधिक बढ़ जा रहा है।
डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि यह ड्रोन हवा में उड़कर अलग-अलग इलाकों में सैनिटाइजर का छिड़काव कर सकता है। नगर निगम ने चेन्नई की कंपनी को आर्डर दिया है। पूरे बफर जोन और हॉटस्पॉट जोन में और वहां की गलियों में यह सैनिटाइजेशन के लिए काम में लाया जा सकेगा क्योंकि गलियां शकरी है और इसलिए वहां के लिए या मील का पत्थर साबित होगा। सबसे पहले इन इलाकों को सैनिटाइजेशन करने के बाद फिर पूरे शहर में इस ड्रोन से सैनिटाइजर का छिड़काव कराया जाएगा। इस ड्रोन के ऊपर हाइपोक्लोराइट केमिकल का टैंक बांधा जाएगा और फिर विभिन्न इलाकों में इस से छिड़काव किया जा सकेगा। जिलाधिकारी की माने तो 1 दिन में यह करीब 200 एकड़ क्षेत्रफल में सैनिटाइजेशन का काम कर सकेगा। इस ड्रोन में 20 लीटर समता का टैंक लगाया गया है। इसके अलावा इसमें एक बैटरी भी इंस्टॉल की गई है और स्प्रे पंप के माध्यम से इसमें छिड़काव किया जाता है।
