लखनऊ। कोरोना संक्रमण की वजह से हुए लॉकडाउन के चलते यूपी के विभिन्न जिलों में फंसे लोगों को प्रशासन ने शेल्टर होम में रखा है उनके लिए राहत भरी खबर है। उन सभी फंसे लोगों को उनके घर पर भेजे जाने की व्यवस्था को लेकर सभी जनपदों के जिला प्रशासन को निर्देश जारी किया गया है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों का उपयोग करने का निर्देश भी दे दिया गया है।
बता दें कि निगम द्वारा जिला अधिकारी अथवा उनके द्वारा अधिकृत अपर जिला अधिकारी के माध्यम से मिले लिखित मांग के अनुसार बस उपलब्ध कराई जाएगी। इन बसों द्वारा शेल्टर होम में रहने वाले उत्तर प्रदेश के निवासियों को उनके घरों जनपदों तक पहुंचाया जाएगा। वहीं इसके लिए बस से यात्रा करने वाले सभी नागरिकों को पहले सुनिश्चित कर लिया जायेगा कि वो सभी नागरिक यूपी के ही रहने वाले हैं।इसके लिए यूपी के हर जिले से शेलटर होम में रह रहे लोगों की एक लिस्ट बनाई जाएगी और उसी के हिसाब से बसों की व्यवस्था की जाएगी।
वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान में रखते हुए एक बस में यात्रियों की अधिकतम संख्या 20 से 25 के मध्य रखी जाएगी। सभी यात्रियों का हेल्थ स्क्रीनिंग सैनिटाइजेशन तथा संबंधित यात्रियों को फेस मास्क भी जिला प्रशासन द्वारा कराया जाएगा। जिला प्रशासन बस में पुलिसकर्मी की भी व्यवस्था करेगी ताकी सफर के के दौरान इन यात्रियों की सुरक्षा हो सके। बस से भेजे जाने वाले यात्रियों की न्यूनतम संख्या कम से कम 10 होनी चाहिए। इससे कम संख्या होने पर नागरिकों के लिए जिला प्रशासन छोटे वाहन की योजना भी बना सकता है। यात्रियों का विवरण जिला प्रशासन द्वारा तैयार किया जाएगा तथा इसको बस में तैनात चालक और पुलिसकर्मियों को एक-एक प्रति दी जाएगी।
इतना ही नहीं जिला प्रशासन यात्रा में लगने वाले समय के आधार पर यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए भोजन एवं पेयजल की व्यवस्था भी सुनिश्चित कराएगी, साथ ही जिस जनपद के लिए बस यात्रियों को लेकर निकलेगी उसकी सूचना पहले से ही उस जनपद के प्रशासन को दे दी जाएगी ताकि लोग जनपदों में पहुंचकर अपने घर तक आसानी से पहुंच सके उसको लेकर वहां की प्रशासन पहले से ही पूरी तैयारी कर ले। वहीं उस जनपद में उपलब्ध शेल्टर होम के निवासियों को यदि उनको किसी और यूपी के जनपद में भेजा जाना है तो उसी बस से यात्रियों को प्रारंभिक जनपद भेज सकता है। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा इस यात्रा हेतु किसी भी यात्री से किराया नहीं लिया जाएगा तथा बस के किराए का बिल संबंधित जिले के जिला अधिकारी अध्यक्ष जिला आपदा राहत कोष के नाम से तैयार करते हुए भुगतान के लिए संबंधित जिला अधिकारी को भेजेगा।
